फिल्म मैं लड़ेगा आज रिलीज हो गई है। एक्शन ड्रामा इस फिल्म की लेंथ 2 घंटे 28 मिनट है। दैनिक भास्कर ने फिल्म को 5 में से 3.5 स्टार रेटिंग दी है। फिल्म की कहानी क्या है?
फिल्म में एक आम लड़के आकाश (आकाश प्रताप सिंह) की कहानी दिखाई है। आकाश अपनी मां और बहन से बेहद क्लोज है, लेकिन पिता से नहीं। वजह यह है कि उसका पिता बहुत ही खराब इंसान है। वो हमेशा से ही शराब पीकर अपने ही परिवार को मारता और पीटता है। परिवार के इस खराब माहौल के बाद भी आकाश पढ़ाई में बेहद होशियार रहता है। आकाश के उज्जवल भविष्य के लिए उसकी मां उसे आगे की पढ़ाई के लिए आर्मी हॉस्टल भेज देती है। हालांकि आकाश परिवार से दूर जाकर पढ़ाई नहीं करना चाहता है, लेकिन वो मां के फैसले को मानने से इनकार भी नहीं कर सकता। आखिरकार वो हॉस्टल चला जाता है। आकाश आर्मी हॉस्टल चला तो जाता है लेकिन वहां उसे एडजस्ट होने में बहुत मुश्किल होती है। इस बीच कुछ लड़के उसे तंग करते हैं, जिनसे परेशान हो कर वो हॉस्टल छोड़ने का फैसला करता है। तभी उसे अपनी पिता की करतूतें याद आती हैं। इन सारी चीजों से आकाश बहुत परेशान रहता है। तब उसकी दोस्ती क्लास की टॉपर लड़की से होती है, जो उसे समझाती है कि परेशानियों से भागना नहीं चाहिए बल्कि उनका डट कर सामना करना चाहिए। इसी बीच कॉलेज में बॉक्सिंग कॉम्पिटिशन की अनाउंसमेंट होती है। इस कॉम्पिटिशन में जीतने वाले को स्कूल की तरफ से बढ़िया इनाम मिलने की घोषणा की जाती है। अब इनाम के लिए आकाश इस कॉम्पिटिशन को जीतने का फैसला करता है। हालांकि, उसे बॉक्सिंग नहीं आती है और स्कूल का बॉक्सर भी उसकी दुबली पतली बॉडी देखकर उसे बॉक्सिंग सिखाने से मना कर देता है। अब क्या आकाश ये कॉम्पिटिशन जीत पाएगा और मां की मदद कर पाएगा, इसके लिए आपको पूरी फिल्म देखनी पड़ेगी। स्टारकास्ट की एक्टिंग कैसी है?
एक्टिंग की बात करें तो आकाश प्रताप सिंह ने शुरू से लेकर अंत तक दर्शकों को बांधे रखा है। फिल्म की कहानी प्रेरणादायक है। साथ ही आकाश ने अपने किरदार से एक कभी न मिटने वाली छाप छोड़ी है। फिल्म में उनकी एक्टिंग फिल्म को और भी ज्यादा इमोशनल बना दी है। खास बात यह है कि फिल्म की कहानी भी आकाश ने ही लिखी है। दूसरे एक्टर्स की बात करें तो गंधर्व दीवान, वल्लरी विराज और अश्वथ भट्ट जैसे कलाकारों ने भी बेहतरीन काम किया है। उन्होंने कहानी को रियल बनाने में कोई कसर नहीं छोड़ी है। फिल्म का डायरेक्शन कैसा है?
गौरव राणा ने इस फिल्म का डायरेक्शन किया है। उन्होंने इस फिल्म को इमोशनल बनाने में कोई कसर नहीं छोड़ी है, लेकिन वे फिल्म को शुरुआत से अंत तक जोड़े रखने में फेल हो गए हैं। जैसे कि फिल्म की शुरुआत में घरेलू हिंसा को दिखाया गया है, लेकिन कहानी के अंत में इस सब्जेक्ट पर कोई बात होती नहीं दिखाई गई है। वहीं, कुछ सीन्स को बेवजह ही खींचा गया है। अगर फिल्म से इन सीन्स को हटा दिया जाता, तो फिल्म और भी एंगेजिंग हो सकती थी। फाइनल वर्डिक्ट, देखें या नहीं?
फिल्म की कहानी बिल्कुल फ्रेश और जोश से भरने वाली है। फिल्म का सब्जेक्ट थोड़ा यूनीक है। इसका म्यूजिक भी कमाल का है, जो अपनी तरफ खींचता है। इसलिए अगर कुछ अलग पैटर्न की स्टोरी लाइन वाली फिल्म देखना चाहते हैं, तो फिल्म के लिए जा सकते हैं।
फिल्म में एक आम लड़के आकाश (आकाश प्रताप सिंह) की कहानी दिखाई है। आकाश अपनी मां और बहन से बेहद क्लोज है, लेकिन पिता से नहीं। वजह यह है कि उसका पिता बहुत ही खराब इंसान है। वो हमेशा से ही शराब पीकर अपने ही परिवार को मारता और पीटता है। परिवार के इस खराब माहौल के बाद भी आकाश पढ़ाई में बेहद होशियार रहता है। आकाश के उज्जवल भविष्य के लिए उसकी मां उसे आगे की पढ़ाई के लिए आर्मी हॉस्टल भेज देती है। हालांकि आकाश परिवार से दूर जाकर पढ़ाई नहीं करना चाहता है, लेकिन वो मां के फैसले को मानने से इनकार भी नहीं कर सकता। आखिरकार वो हॉस्टल चला जाता है। आकाश आर्मी हॉस्टल चला तो जाता है लेकिन वहां उसे एडजस्ट होने में बहुत मुश्किल होती है। इस बीच कुछ लड़के उसे तंग करते हैं, जिनसे परेशान हो कर वो हॉस्टल छोड़ने का फैसला करता है। तभी उसे अपनी पिता की करतूतें याद आती हैं। इन सारी चीजों से आकाश बहुत परेशान रहता है। तब उसकी दोस्ती क्लास की टॉपर लड़की से होती है, जो उसे समझाती है कि परेशानियों से भागना नहीं चाहिए बल्कि उनका डट कर सामना करना चाहिए। इसी बीच कॉलेज में बॉक्सिंग कॉम्पिटिशन की अनाउंसमेंट होती है। इस कॉम्पिटिशन में जीतने वाले को स्कूल की तरफ से बढ़िया इनाम मिलने की घोषणा की जाती है। अब इनाम के लिए आकाश इस कॉम्पिटिशन को जीतने का फैसला करता है। हालांकि, उसे बॉक्सिंग नहीं आती है और स्कूल का बॉक्सर भी उसकी दुबली पतली बॉडी देखकर उसे बॉक्सिंग सिखाने से मना कर देता है। अब क्या आकाश ये कॉम्पिटिशन जीत पाएगा और मां की मदद कर पाएगा, इसके लिए आपको पूरी फिल्म देखनी पड़ेगी। स्टारकास्ट की एक्टिंग कैसी है?
एक्टिंग की बात करें तो आकाश प्रताप सिंह ने शुरू से लेकर अंत तक दर्शकों को बांधे रखा है। फिल्म की कहानी प्रेरणादायक है। साथ ही आकाश ने अपने किरदार से एक कभी न मिटने वाली छाप छोड़ी है। फिल्म में उनकी एक्टिंग फिल्म को और भी ज्यादा इमोशनल बना दी है। खास बात यह है कि फिल्म की कहानी भी आकाश ने ही लिखी है। दूसरे एक्टर्स की बात करें तो गंधर्व दीवान, वल्लरी विराज और अश्वथ भट्ट जैसे कलाकारों ने भी बेहतरीन काम किया है। उन्होंने कहानी को रियल बनाने में कोई कसर नहीं छोड़ी है। फिल्म का डायरेक्शन कैसा है?
गौरव राणा ने इस फिल्म का डायरेक्शन किया है। उन्होंने इस फिल्म को इमोशनल बनाने में कोई कसर नहीं छोड़ी है, लेकिन वे फिल्म को शुरुआत से अंत तक जोड़े रखने में फेल हो गए हैं। जैसे कि फिल्म की शुरुआत में घरेलू हिंसा को दिखाया गया है, लेकिन कहानी के अंत में इस सब्जेक्ट पर कोई बात होती नहीं दिखाई गई है। वहीं, कुछ सीन्स को बेवजह ही खींचा गया है। अगर फिल्म से इन सीन्स को हटा दिया जाता, तो फिल्म और भी एंगेजिंग हो सकती थी। फाइनल वर्डिक्ट, देखें या नहीं?
फिल्म की कहानी बिल्कुल फ्रेश और जोश से भरने वाली है। फिल्म का सब्जेक्ट थोड़ा यूनीक है। इसका म्यूजिक भी कमाल का है, जो अपनी तरफ खींचता है। इसलिए अगर कुछ अलग पैटर्न की स्टोरी लाइन वाली फिल्म देखना चाहते हैं, तो फिल्म के लिए जा सकते हैं।