देश में इलेक्ट्रिक कारों का बाजार दो साल में पूरी तरह बदल जाएगा, क्योंकि बैटरी और चिप दोनों के दाम घटने लगे हैं। 2021 में एक किलोवाट पॉवर (केडब्ल्यूएच) बैटरी की लागत 130 डॉलर (10,850 रुपर) थी, जो 2023 में 100 डॉलर (8,350 रुपए) पर आ गई है। जियोजीत फाइनेंशियल सर्विसेज के रिसर्च एनालिस्ट साजी जॉन के मुताबिक घटती कीमतों का फायदा लेने नई कंपनियां मार्केट में उतरेंगी तो प्रतिस्पर्धा बढ़ने से दाम और घटेंगे। 2025 तक एक केडब्ल्यूएच की लागत घटकर 6,650 रुपए रह जाएगी। अभी बाजार में 17 से 108 केडब्ल्यूएच बैटरी तक की ईवी है। ईवी में 70% लागत बैटरी की ही होती है। इस हिसाब से देखें तो 10 लाख की ईवी की कीमत 8.60 लाख रुपए रह जाएगी। दूसरा, देश में सेमीकंडक्टर चिप बनने से लागत 10% और घटेगी। ऐसे में कीमत 7 लाख रुपए के आसपास रह जाएगी। बड़ी कंपनियां आने से बाजार बदलेगा
एमजी मोटर और जेएसडब्ल्यू के बीच पार्टनरशिप भारतीय ईवी मार्केट में बड़ा असर छोड़ेगी। एमजी के पास चीन की पैरेंट कंपनी सैक मोटर से सस्ती टेक्नोलॉजी का भी करार है। जेएसडब्ल्यू के पास एल्युमीनियम प्लांट्स हैं। ऑटोमोबाइल एक्सपर्ट संजीव गर्ग ने कहा, ईवी सेगमेंट की ग्रोथ देखते हुए कई और नॉन ऑटोमोबाइल कंपनियां इसमें आ सकती हैं। 2023-25 के बीच 259% ग्रोथ
भारत में ईवी इंडस्ट्री के 2025 तक 60 हजार करोड़ रुपए से ऊपर निकलने का अनुमान है। यह 2023 में 16,700 करोड़ रुपए की थी। यानी इसमें अगले 2 सालों में 259% की ग्रोथ देखने को मिल सकती है। बैटरी की कीमत कम होने से गाड़ियों की कीमत घटी
जॉन ने बताया कि बैटरी सस्ती होने का असर भी दिखने लगा है। एमजी मोटर इंडिया ने कोमेट ईवी की कीमत 8 लाख से घटाकर 7 लाख रु. कर दी है। 2025 तक इस कैटेगरी की कारों की कीमत 5 लाख रुपए रह जाएगी। इससे कम दाम की कोई पेट्रोल कार नहीं आती। ऐसे ग्राहक तेजी से ईवी की तरफ शिफ्ट हो सकते हैं। इससे कार बाजार में ईवी की हिस्सेदारी 2.3% से बढ़कर 10% तक पहुंच सकती है।
एमजी मोटर और जेएसडब्ल्यू के बीच पार्टनरशिप भारतीय ईवी मार्केट में बड़ा असर छोड़ेगी। एमजी के पास चीन की पैरेंट कंपनी सैक मोटर से सस्ती टेक्नोलॉजी का भी करार है। जेएसडब्ल्यू के पास एल्युमीनियम प्लांट्स हैं। ऑटोमोबाइल एक्सपर्ट संजीव गर्ग ने कहा, ईवी सेगमेंट की ग्रोथ देखते हुए कई और नॉन ऑटोमोबाइल कंपनियां इसमें आ सकती हैं। 2023-25 के बीच 259% ग्रोथ
भारत में ईवी इंडस्ट्री के 2025 तक 60 हजार करोड़ रुपए से ऊपर निकलने का अनुमान है। यह 2023 में 16,700 करोड़ रुपए की थी। यानी इसमें अगले 2 सालों में 259% की ग्रोथ देखने को मिल सकती है। बैटरी की कीमत कम होने से गाड़ियों की कीमत घटी
जॉन ने बताया कि बैटरी सस्ती होने का असर भी दिखने लगा है। एमजी मोटर इंडिया ने कोमेट ईवी की कीमत 8 लाख से घटाकर 7 लाख रु. कर दी है। 2025 तक इस कैटेगरी की कारों की कीमत 5 लाख रुपए रह जाएगी। इससे कम दाम की कोई पेट्रोल कार नहीं आती। ऐसे ग्राहक तेजी से ईवी की तरफ शिफ्ट हो सकते हैं। इससे कार बाजार में ईवी की हिस्सेदारी 2.3% से बढ़कर 10% तक पहुंच सकती है।