हरियाणा में 3 निर्दलीय विधायकों के समर्थन वापसी के बाद जननायक जनता पार्टी (JJP) ने गवर्नर से BJP सरकार का फ्लोर टेस्ट करवाने की मांग की है। जजपा के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष पूर्व डिप्टी सीएम दुष्यंत चौटाला ने दावा किया कि उन्होंने गवर्नर को चिट्ठी लिखी है। जिसमें कहा है कि सरकार का फ्लोर टेस्ट कराएं। अगर इसके पास बहुमत नहीं तो तुरंत राष्ट्रपति शासन लगाएं। दुष्यंत ने भाजपा पर नए तरीके से हॉर्स ट्रेडिंग के भी आरोप लगाए हैं। मनोहर लाल खट्टर के CM रहते दुष्यंत चौटाला भी भाजपा-जजपा की गठबंधन सरकार में साढ़े 4 साल डिप्टी सीएम रहे। भाजपा सरकार से समर्थन वापस लेने वाले पुंडरी से विधायक रणधीर गोलन, नीलोखेड़ी से धर्मपाल गोंदर और चरखी दादरी से विधायक सोमवीर सांगवान ने गवर्नर को ही समर्थन वापसी का पत्र भेजा है। वहीं भाजपा के पास हरियाणा में सरकार बचाने के 3 रास्ते बचे हुए हैं। वहीं विपक्ष के पास भी 2 रास्ते हैं, जिससे वह इस सरकार को गिरा सकते हैं। सूत्रों के मुताबिक इसके लिए विपक्ष मानसून सेशन का इंतजार कर रहा है। दुष्यंत चौटाला की 3 अहम बातें 1. सरकार अल्पमत में, गवर्नर के पास फ्लोर टेस्ट का अधिकार
इस बारे में दुष्यंत चौटाला ने कहा-” 2 महीने पहले बनी सरकार अल्पमत में चली गई है। उनको सपोर्ट करने वाले 1 भाजपा और एक निर्दलीय ने इस्तीफा दे दिया। 3 निर्दलीय विधायकों ने समर्थन वापस ले लिया है। जजपा ने खुलकर कहा है कि अगर सरकार के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव आता है तो हम बाहर से उसका समर्थन करेंगे। इसके लिए हमने गवर्नर को लिखित तौर पर भेजा है। जिसमें मांग की है कि संविधान के अनुसार फ्लोर टेस्ट की पावर गवर्नर के पास है। वह सरकार को सदन बुलाकर फ्लोर टेस्ट के लिए आदेश दें।” 2. कांग्रेस बदलाव चाहती है तो गवर्नर को लिखकर भेजे
दुष्यंत ने आगे कहा- ” अब कांग्रेस ने ये कदम उठाना है कि क्या उनके 30 और उनके समर्थन वाले विधायक और विपक्ष के दूसरे MLA क्या भाजपा की सरकार को बदलना चाहते हैं। वह बदलाव के लिए कदम उठाएं। विश्वास खो चुकी सरकार को बदलने के लिए गवर्नर को लिखकर भेजें। हमने कल ही गवर्नर को चिट्ठी भेजी है। 88 विधायक हैं और 45 का समर्थन चाहिए, इससे पता चलेगा कि सरकार के साथ 44 में से कितने विधायक हैं” 3.पिछला अविश्वास प्रस्ताव खट्टर सरकार के खिलाफ, अब सैनी की नई सरकार
दुष्यंत ने कहा कि हम सोचते थे कि हॉर्स ट्रेडिंग बंद हो गई है। मगर, भाजपा ने प्रदेश में इसे नए तरीके से चलाया है। जब तक संगठन के आदेश हों, व्हिप के आदेश हों, सभी विधायकों को उसका पालन करना पड़ेगा। पिछला अविश्वास प्रस्ताव मनोहर लाल की सरकार के लिए आया था। अब नई सरकार मुख्यमंत्री नायब सैनी की अगुआई में बनी है। उसी सरकार के 3 लोगों ने समर्थन वापस लिया है। अब गवर्नर को देखना है कि वह सरकार के बहुमत के लिए फ्लोर टेस्ट कराएं। अगर सरकार के पास बहुमत नहीं तो तुरंत राष्ट्रपति शासन लगाएं। सरकार से समर्थन वापस लेने वाले 3 निर्दलीय विधायक… 3 पॉइंट में समझिए सरकार के बचने-गिरने का पूरा समीकरण 1. 88 विधायक, बहुमत का आंकड़ा 45, BJP के पास 43
हरियाणा की 90 सदस्यीय विधानसभा में अभी 88 विधायक हैं। ऐसे में बहुमत का आंकड़ा 45 है। सरकार के पास 43 विधायकों का समर्थन है। इनमें 40 भाजपा, 2 निर्दलीय, 1 हलोपा विधायक हैं। दो और विधायकों की जरूरत है। 2. BJP के पास सरकार बचाने के 3 रास्ते
पहला: जजपा के 10 में से 6 विधायक पार्टी से नाराज चल रहे हैं। इनमें से 2 ने लोकसभा चुनाव में भाजपा के समर्थन की घोषणा तक की हुई है। 2 का झुकाव कांग्रेस की तरफ है। ऐसे में 4 विधायकों को मनाने का मौका सीधे भाजपा के पास है। अगर ऐसा होता है तो सरकार के पास 47 विधायकों का समर्थन हो जाएगा। फिर सरकार बची रहेगी। दूसरा: एक दिन पहले सरकार से समर्थन वापस लेकर लोकसभा चुनाव में कांग्रेस काे समर्थन देने वाले निर्दलीय विधायकों को मनाकर भाजपा फिर से अपने पाले में ला सकती है। इसमें किसी विधायक पर संवैधानिक संकट भी नहीं आएगा और सरकार ऐसे ही चलती रहेगी। तीसरा: जजपा के नाराज 6 विधायक अगर विपक्ष के विश्वास मत या अविश्वास प्रस्ताव के दौरान विधानसभा से गैरहाजिर रहते हैं तो सदन में 82 सदस्य रह जाएंगे। ऐसे में बहुमत का आंकड़ा 42 हो जाएगा और 43 विधायकों से ही सरकार बच जाएगी। 3. 2 वजहों से गिर सकती है BJP की सरकार पहला: विपक्ष में 45 विधायक हैं। इनमें 30 कांग्रेस, 10 जजपा, 4 निर्दलीय, 1 इनेलो विधायक हैं। अगर पूरा विपक्ष एकजुट हो तो सरकार गिर सकती है। दूसरा: फिलहाल सरकार के समर्थन में 2 निर्दलीय, 1 हलोपा विधायक हैं। ये भी समर्थन वापस लें तो भाजपा के पास सिर्फ 40 विधायक बचेंगे। फिर सरकार नहीं बच पाएगी। BJP सरकार के संकट पर किसने क्या कहा.. CM नायब सैनी: हमारी सरकार को कोई खतरा नहीं, सरकार अपना कार्यकाल बेरोकटोक पूरा करेगी। पूर्व CM मनोहर लाल खट्टर : चुनावी माहौल है, लोग आते-जाते रहेंगे। इससे कोई फर्क नहीं पड़ने वाला। बहुत से विधायक हमारे संपर्क में भी हैं। पूर्व डिप्टी CM दुष्यंत चौटाला: भाजपा सरकार अल्पमत में है। सीएम को इस्तीफा देना चाहिए। पूर्व कांग्रेस सीएम भूपेंद्र हुड्डा अविश्वास प्रस्ताव लाकर सरकार गिराएं, हम उनके साथ हैं। पूर्व CM भूपेंद्र हुड्डा : सरकार अल्पमत में है। सीएम इस्तीफा दें। राष्ट्रपति शासन लगे। जजपा राज्यपाल को कांग्रेस के समर्थन का पत्र दे, फिर अविश्वास प्रस्ताव के लिए हम गवर्नर से मिलेंगे। विधानसभा स्पीकर ज्ञानचंद गुप्ता: 3 निर्दलीय विधायकों के सरकार से समर्थन वापसी की अधिकृत सूचना मेरे पास नहीं है। यह राज्यपाल के जरिए आती है। 3 विधायकों के जाने से सरकार को फर्क नहीं पड़ेगा। हरियाणा में सरकार के संकट से जुड़ी ये खबरें भी पढ़ें हरियाणा CM को दुष्यंत चौटाला का चैलेंज: नायब सैनी बहुमत साबित करें या इस्तीफा दें; भूपेंद्र हुड्डा को सरकार गिराने की चुनौती हरियाणा में लोकसभा चुनाव के बीच 3 निर्दलीय विधायकों के समर्थन वापस लेने से हरियाणा में सियासी घमासान मच गया है। विपक्षी दलों ने CM नायब सैनी को इस्तीफा देने को कहा है। वहीं सीएम सैनी और पूर्व सीएम मनोहर लाल खट्टर ने कहा कि सरकार को कोई खतरा नहीं है। पूर्व डिप्टी सीएम दुष्यंत चौटाला ने यह तक कहा कि कांग्रेस अविश्वास प्रस्ताव लेकर आए। नायब सैनी नैतिकता के आधार पर बहुमत साबित करें या फिर इस्तीफा दें। चैलेंज दिए जाने पर भूपेंद्र हुड्डा ने दुष्यंत को कहा कि वे कांग्रेस को समर्थन की चिट्ठी राज्यपाल को दें या भाजपा की बी-टीम बनकर काम न करें (पूरी खबर पढ़ें) हरियाणा सरकार से 3 निर्दलीय विधायकों ने समर्थन वापस लिया:सरकार अल्पमत में, लेकिन संकट नहीं; 2 महीने पहले फ्लोर टेस्ट पास किया था हरियाणा में लोकसभा चुनाव के बीच BJP को बड़ा झटका लगा है। 3 निर्दलीय विधायकों ने मंगलवार (7 मई) को राज्य की सैनी सरकार से समर्थन वापस ले लिया। पूर्व सीएम भूपेंद्र हुड्डा की मौजूदगी में कांग्रेस के समर्थन का ऐलान किया (पूरी खबर पढ़ें)
इस बारे में दुष्यंत चौटाला ने कहा-” 2 महीने पहले बनी सरकार अल्पमत में चली गई है। उनको सपोर्ट करने वाले 1 भाजपा और एक निर्दलीय ने इस्तीफा दे दिया। 3 निर्दलीय विधायकों ने समर्थन वापस ले लिया है। जजपा ने खुलकर कहा है कि अगर सरकार के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव आता है तो हम बाहर से उसका समर्थन करेंगे। इसके लिए हमने गवर्नर को लिखित तौर पर भेजा है। जिसमें मांग की है कि संविधान के अनुसार फ्लोर टेस्ट की पावर गवर्नर के पास है। वह सरकार को सदन बुलाकर फ्लोर टेस्ट के लिए आदेश दें।” 2. कांग्रेस बदलाव चाहती है तो गवर्नर को लिखकर भेजे
दुष्यंत ने आगे कहा- ” अब कांग्रेस ने ये कदम उठाना है कि क्या उनके 30 और उनके समर्थन वाले विधायक और विपक्ष के दूसरे MLA क्या भाजपा की सरकार को बदलना चाहते हैं। वह बदलाव के लिए कदम उठाएं। विश्वास खो चुकी सरकार को बदलने के लिए गवर्नर को लिखकर भेजें। हमने कल ही गवर्नर को चिट्ठी भेजी है। 88 विधायक हैं और 45 का समर्थन चाहिए, इससे पता चलेगा कि सरकार के साथ 44 में से कितने विधायक हैं” 3.पिछला अविश्वास प्रस्ताव खट्टर सरकार के खिलाफ, अब सैनी की नई सरकार
दुष्यंत ने कहा कि हम सोचते थे कि हॉर्स ट्रेडिंग बंद हो गई है। मगर, भाजपा ने प्रदेश में इसे नए तरीके से चलाया है। जब तक संगठन के आदेश हों, व्हिप के आदेश हों, सभी विधायकों को उसका पालन करना पड़ेगा। पिछला अविश्वास प्रस्ताव मनोहर लाल की सरकार के लिए आया था। अब नई सरकार मुख्यमंत्री नायब सैनी की अगुआई में बनी है। उसी सरकार के 3 लोगों ने समर्थन वापस लिया है। अब गवर्नर को देखना है कि वह सरकार के बहुमत के लिए फ्लोर टेस्ट कराएं। अगर सरकार के पास बहुमत नहीं तो तुरंत राष्ट्रपति शासन लगाएं। सरकार से समर्थन वापस लेने वाले 3 निर्दलीय विधायक… 3 पॉइंट में समझिए सरकार के बचने-गिरने का पूरा समीकरण 1. 88 विधायक, बहुमत का आंकड़ा 45, BJP के पास 43
हरियाणा की 90 सदस्यीय विधानसभा में अभी 88 विधायक हैं। ऐसे में बहुमत का आंकड़ा 45 है। सरकार के पास 43 विधायकों का समर्थन है। इनमें 40 भाजपा, 2 निर्दलीय, 1 हलोपा विधायक हैं। दो और विधायकों की जरूरत है। 2. BJP के पास सरकार बचाने के 3 रास्ते
पहला: जजपा के 10 में से 6 विधायक पार्टी से नाराज चल रहे हैं। इनमें से 2 ने लोकसभा चुनाव में भाजपा के समर्थन की घोषणा तक की हुई है। 2 का झुकाव कांग्रेस की तरफ है। ऐसे में 4 विधायकों को मनाने का मौका सीधे भाजपा के पास है। अगर ऐसा होता है तो सरकार के पास 47 विधायकों का समर्थन हो जाएगा। फिर सरकार बची रहेगी। दूसरा: एक दिन पहले सरकार से समर्थन वापस लेकर लोकसभा चुनाव में कांग्रेस काे समर्थन देने वाले निर्दलीय विधायकों को मनाकर भाजपा फिर से अपने पाले में ला सकती है। इसमें किसी विधायक पर संवैधानिक संकट भी नहीं आएगा और सरकार ऐसे ही चलती रहेगी। तीसरा: जजपा के नाराज 6 विधायक अगर विपक्ष के विश्वास मत या अविश्वास प्रस्ताव के दौरान विधानसभा से गैरहाजिर रहते हैं तो सदन में 82 सदस्य रह जाएंगे। ऐसे में बहुमत का आंकड़ा 42 हो जाएगा और 43 विधायकों से ही सरकार बच जाएगी। 3. 2 वजहों से गिर सकती है BJP की सरकार पहला: विपक्ष में 45 विधायक हैं। इनमें 30 कांग्रेस, 10 जजपा, 4 निर्दलीय, 1 इनेलो विधायक हैं। अगर पूरा विपक्ष एकजुट हो तो सरकार गिर सकती है। दूसरा: फिलहाल सरकार के समर्थन में 2 निर्दलीय, 1 हलोपा विधायक हैं। ये भी समर्थन वापस लें तो भाजपा के पास सिर्फ 40 विधायक बचेंगे। फिर सरकार नहीं बच पाएगी। BJP सरकार के संकट पर किसने क्या कहा.. CM नायब सैनी: हमारी सरकार को कोई खतरा नहीं, सरकार अपना कार्यकाल बेरोकटोक पूरा करेगी। पूर्व CM मनोहर लाल खट्टर : चुनावी माहौल है, लोग आते-जाते रहेंगे। इससे कोई फर्क नहीं पड़ने वाला। बहुत से विधायक हमारे संपर्क में भी हैं। पूर्व डिप्टी CM दुष्यंत चौटाला: भाजपा सरकार अल्पमत में है। सीएम को इस्तीफा देना चाहिए। पूर्व कांग्रेस सीएम भूपेंद्र हुड्डा अविश्वास प्रस्ताव लाकर सरकार गिराएं, हम उनके साथ हैं। पूर्व CM भूपेंद्र हुड्डा : सरकार अल्पमत में है। सीएम इस्तीफा दें। राष्ट्रपति शासन लगे। जजपा राज्यपाल को कांग्रेस के समर्थन का पत्र दे, फिर अविश्वास प्रस्ताव के लिए हम गवर्नर से मिलेंगे। विधानसभा स्पीकर ज्ञानचंद गुप्ता: 3 निर्दलीय विधायकों के सरकार से समर्थन वापसी की अधिकृत सूचना मेरे पास नहीं है। यह राज्यपाल के जरिए आती है। 3 विधायकों के जाने से सरकार को फर्क नहीं पड़ेगा। हरियाणा में सरकार के संकट से जुड़ी ये खबरें भी पढ़ें हरियाणा CM को दुष्यंत चौटाला का चैलेंज: नायब सैनी बहुमत साबित करें या इस्तीफा दें; भूपेंद्र हुड्डा को सरकार गिराने की चुनौती हरियाणा में लोकसभा चुनाव के बीच 3 निर्दलीय विधायकों के समर्थन वापस लेने से हरियाणा में सियासी घमासान मच गया है। विपक्षी दलों ने CM नायब सैनी को इस्तीफा देने को कहा है। वहीं सीएम सैनी और पूर्व सीएम मनोहर लाल खट्टर ने कहा कि सरकार को कोई खतरा नहीं है। पूर्व डिप्टी सीएम दुष्यंत चौटाला ने यह तक कहा कि कांग्रेस अविश्वास प्रस्ताव लेकर आए। नायब सैनी नैतिकता के आधार पर बहुमत साबित करें या फिर इस्तीफा दें। चैलेंज दिए जाने पर भूपेंद्र हुड्डा ने दुष्यंत को कहा कि वे कांग्रेस को समर्थन की चिट्ठी राज्यपाल को दें या भाजपा की बी-टीम बनकर काम न करें (पूरी खबर पढ़ें) हरियाणा सरकार से 3 निर्दलीय विधायकों ने समर्थन वापस लिया:सरकार अल्पमत में, लेकिन संकट नहीं; 2 महीने पहले फ्लोर टेस्ट पास किया था हरियाणा में लोकसभा चुनाव के बीच BJP को बड़ा झटका लगा है। 3 निर्दलीय विधायकों ने मंगलवार (7 मई) को राज्य की सैनी सरकार से समर्थन वापस ले लिया। पूर्व सीएम भूपेंद्र हुड्डा की मौजूदगी में कांग्रेस के समर्थन का ऐलान किया (पूरी खबर पढ़ें)