सुप्रीम कोर्ट ने मंगलवार को अरविंद केजरीवाल को जमानत दिए जाने की शर्तें रखीं। अदालत ने जमानत का विरोध कर रही ED से कहा कि चुनाव चल रहे हैं और केजरीवाल मौजूदा मुख्यमंत्री हैं। चुनाव 5 साल में सिर्फ एक बार आते हैं। अदालत ने केजरीवाल से कहा कि हम आपको जमानत दे देते हैं तो आप ऑफिशियल ड्यूटी नहीं करेंगे। हम नहीं चाहते कि आप सरकार में दखल अंदाजी करें। अगर चुनाव नहीं होते तो अंतरिम जमानत का सवाल ही नहीं उठता था। केजरीवाल के वकील अभिषेक मनु सिंघवी ने कहा- हम किसी फाइल पर साइन नहीं करेंगे। शर्त है कि LG किसी भी काम को इस आधार पर ना रोकें कि फाइल पर साइन नहीं है। ऐसा कुछ नहीं बोलूंगा, जो नुकसान पहुंचाने वाला हो। सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने कहा कि मुख्यमंत्री और आम आदमी में फर्क किया जाना सही नहीं है। राजनेताओं के लिए अलग कैटेगरी ना बनाएं। जनता के बीच गलत संदेश जाएगा। इस मामले पर सुनवाई लंच यानी 2 बजे के बाद भी जारी रहेगी। कोर्ट का कमेंट और SG की दलील… केजरीवाल की जमानत पर कोर्ट के 4 कमेंट
1. जस्टिस संजीव खन्ना और जस्टिस दीपांकर दत्ता ने कहा- केजरीवाल कोई आदतन अपराधी नहीं हैं।
2. यह एक अभूतपूर्व परिस्थिति है। लोकसभा चुनाव जारी हैं। वो दिल्ली के चुने हुए मुख्यमंत्री हैं।
3. अगर चुनाव नहीं चल रहे होते तो अंतरिम जमानत का सवाल ही नहीं उठता था।
4. चुनाव 5 साल में सिर्फ एक बार होते हैं। जमानत के लिए सुप्रीम कोर्ट की शर्त
सुप्रीम कोर्ट ने कहा- अगर जमानत दी जाती है तो केजरीवाल सरकारी काम में दखल नहीं देंगे। वो अपने आधिकारिक कार्य नहीं करेंगे। ऐसा हुआ तो हितों का टकराव पैदा होगा और हम यह नहीं चाहते। जमानत के विरोध में ED की दलीलें
1. कोर्ट का नजरिया क्या है? आपको राजनेताओं के लिए अलग कैटेगरी नहीं बनानी चाहिए।
2. देश में इस वक्त 5 हजार केस हैं जिनमें सांसद शामिल हैं। इन सभी को जमानत पर रिहा कर दिया जाना चाहिए?
3. अगर कोई किसान जिसका बुवाई का सीजन चल रहा है, वो किसी सांसद से कम महत्वपूर्ण है?
4. जमानत पर रिहाई दी तो यह संदेश जाएगा कि केजरीवाल ने कुछ नहीं कियाा था, लेकिन उन्हें चुनाव से पहले गिरफ्तार कर लिया गया।
5. अगर उन्होंने सहयोग किया होता और 9 समन नजरंदाज ना किए होते तो शायद गिरफ्तारी ना होती। 3 मई की सुनवाई में कोर्ट रूम में क्या हुआ था… इससे पहले 3 मई को हुई सुनवाई में दो घंटे की लंबी बहस के बाद बेंच ने कहा था कि मेन केस यानी जिसमें केजरीवाल ने अपनी गिरफ्तारी और रिमांड को चुनौती दी है, इसमें समय लग सकता है। लोकसभा चुनाव को देखते हुए केजरीवाल की अंतरिम जमानत पर विचार किया जा सकता है, ताकि वे कैंपेन में हिस्सा ले सकें। 30 अप्रैल की सुनवाई: सुप्रीम कोर्ट ने ED से 5 सवाल पूछे 29 अप्रैल की सुनवाई: केजरीवाल की तरफ से दी गईं दलीलें सुप्रीम कोर्ट ने पूछा- आपको ED ने जो नोटिस भेजे, आपने उन्हें नजर अंदाज क्यों किया। आप गिरफ्तारी और रिमांड के खिलाफ यहां आए, आपने जमानत के लिए ट्रायल कोर्ट क्यों नहीं गए। इस पर केजरीवाल के वकील सिंघवी ने कहा था कि गिरफ्तारी अवैध है इसलिए। ED के वकील एसवी राजू ने कहा कि इन्होंने पिछली कस्टडी का भी विरोध नहीं किया था। 15 अप्रैल: सुप्रीम कोर्ट ने ED को नोटिस देकर गिरफ्तारी पर जवाब मांगा केजरीवाल 21 मार्च को अरेस्ट हुए, 1 अप्रैल से तिहाड़ में बंद
ED ने शराब नीति केस में केजरीवाल को 21 मार्च को अरेस्ट किया था। ED ने 22 मार्च को उन्हें राउज एवेन्यू कोर्ट में पेश किया। कोर्ट ने दिल्ली सीएम को 28 मार्च तक ED रिमांड पर भेजा, जो बाद में 1 अप्रैल तक बढ़ाई गई। कोर्ट ने 1 अप्रैल को उन्हें 15 अप्रैल तक न्यायिक हिरासत में तिहाड़ जेल भेज दिया था। शराब नीति केस में केजरीवाल को इस साल 27 फरवरी, 26 फरवरी, 22 फरवरी, 2 फरवरी, 17 जनवरी, 3 जनवरी और 2023 में 21 दिसंबर और 2 नवंबर को समन भेज गया था। हालांकि, वे एक बार भी पूछताछ के लिए नहीं गए। निचली अदालत और हाईकोर्ट से राहत नहीं मिलने पर केजरीवाल सुप्रीम कोर्ट पहुंचे हैं। 9 अप्रैल को हाईकोर्ट ने कहा- अरेस्ट सही, ED ने पर्याप्त सबूत दिए
दिल्ली हाईकोर्ट ने 9 अप्रैल को कहा था कि ED ने हमारे सामने पर्याप्त सबूत पेश किए। हमने बयानों को देखा, जो बताते हैं कि गोवा के चुनाव के लिए पैसा भेजा गया था। हाईकोर्ट ने ये भी कहा कि हमें संवैधानिक नैतिकता की फिक्र है, ना कि राजनीतिक नैतिकता की। मौजूदा केस केंद्र और केजरीवाल के बीच नहीं है। यह केस केजरीवाल और ED के बीच है। हाईकोर्ट ने कहा कि ED ने कानूनी प्रक्रिया का पालन किया। उसके पास हवाला ऑपरेटर्स और AAP कैंडिडेट के बयान हैं। सिसोदिया इसी मामले में जेल में, संजय सिंह जमानत पर
केजरीवाल से पहले शराब नीति केस में AAP नेता मनीष सिसोदिया और संजय सिंह की भी गिरफ्तारी हुई थी। सिसोदिया 26 फरवरी 2023 से जेल में बंद हैं। संजय सिंह को ED ने 4 अक्टूबर 2023 को गिरफ्तार किया था। 2 अप्रैल को सुप्रीम कोर्ट ने संजय सिंह को जमानत दे दी थी। तिहाड़ में 6 महीने रहने के बाद 3 अप्रैल को वो बाहर आए थे।
1. जस्टिस संजीव खन्ना और जस्टिस दीपांकर दत्ता ने कहा- केजरीवाल कोई आदतन अपराधी नहीं हैं।
2. यह एक अभूतपूर्व परिस्थिति है। लोकसभा चुनाव जारी हैं। वो दिल्ली के चुने हुए मुख्यमंत्री हैं।
3. अगर चुनाव नहीं चल रहे होते तो अंतरिम जमानत का सवाल ही नहीं उठता था।
4. चुनाव 5 साल में सिर्फ एक बार होते हैं। जमानत के लिए सुप्रीम कोर्ट की शर्त
सुप्रीम कोर्ट ने कहा- अगर जमानत दी जाती है तो केजरीवाल सरकारी काम में दखल नहीं देंगे। वो अपने आधिकारिक कार्य नहीं करेंगे। ऐसा हुआ तो हितों का टकराव पैदा होगा और हम यह नहीं चाहते। जमानत के विरोध में ED की दलीलें
1. कोर्ट का नजरिया क्या है? आपको राजनेताओं के लिए अलग कैटेगरी नहीं बनानी चाहिए।
2. देश में इस वक्त 5 हजार केस हैं जिनमें सांसद शामिल हैं। इन सभी को जमानत पर रिहा कर दिया जाना चाहिए?
3. अगर कोई किसान जिसका बुवाई का सीजन चल रहा है, वो किसी सांसद से कम महत्वपूर्ण है?
4. जमानत पर रिहाई दी तो यह संदेश जाएगा कि केजरीवाल ने कुछ नहीं कियाा था, लेकिन उन्हें चुनाव से पहले गिरफ्तार कर लिया गया।
5. अगर उन्होंने सहयोग किया होता और 9 समन नजरंदाज ना किए होते तो शायद गिरफ्तारी ना होती। 3 मई की सुनवाई में कोर्ट रूम में क्या हुआ था… इससे पहले 3 मई को हुई सुनवाई में दो घंटे की लंबी बहस के बाद बेंच ने कहा था कि मेन केस यानी जिसमें केजरीवाल ने अपनी गिरफ्तारी और रिमांड को चुनौती दी है, इसमें समय लग सकता है। लोकसभा चुनाव को देखते हुए केजरीवाल की अंतरिम जमानत पर विचार किया जा सकता है, ताकि वे कैंपेन में हिस्सा ले सकें। 30 अप्रैल की सुनवाई: सुप्रीम कोर्ट ने ED से 5 सवाल पूछे 29 अप्रैल की सुनवाई: केजरीवाल की तरफ से दी गईं दलीलें सुप्रीम कोर्ट ने पूछा- आपको ED ने जो नोटिस भेजे, आपने उन्हें नजर अंदाज क्यों किया। आप गिरफ्तारी और रिमांड के खिलाफ यहां आए, आपने जमानत के लिए ट्रायल कोर्ट क्यों नहीं गए। इस पर केजरीवाल के वकील सिंघवी ने कहा था कि गिरफ्तारी अवैध है इसलिए। ED के वकील एसवी राजू ने कहा कि इन्होंने पिछली कस्टडी का भी विरोध नहीं किया था। 15 अप्रैल: सुप्रीम कोर्ट ने ED को नोटिस देकर गिरफ्तारी पर जवाब मांगा केजरीवाल 21 मार्च को अरेस्ट हुए, 1 अप्रैल से तिहाड़ में बंद
ED ने शराब नीति केस में केजरीवाल को 21 मार्च को अरेस्ट किया था। ED ने 22 मार्च को उन्हें राउज एवेन्यू कोर्ट में पेश किया। कोर्ट ने दिल्ली सीएम को 28 मार्च तक ED रिमांड पर भेजा, जो बाद में 1 अप्रैल तक बढ़ाई गई। कोर्ट ने 1 अप्रैल को उन्हें 15 अप्रैल तक न्यायिक हिरासत में तिहाड़ जेल भेज दिया था। शराब नीति केस में केजरीवाल को इस साल 27 फरवरी, 26 फरवरी, 22 फरवरी, 2 फरवरी, 17 जनवरी, 3 जनवरी और 2023 में 21 दिसंबर और 2 नवंबर को समन भेज गया था। हालांकि, वे एक बार भी पूछताछ के लिए नहीं गए। निचली अदालत और हाईकोर्ट से राहत नहीं मिलने पर केजरीवाल सुप्रीम कोर्ट पहुंचे हैं। 9 अप्रैल को हाईकोर्ट ने कहा- अरेस्ट सही, ED ने पर्याप्त सबूत दिए
दिल्ली हाईकोर्ट ने 9 अप्रैल को कहा था कि ED ने हमारे सामने पर्याप्त सबूत पेश किए। हमने बयानों को देखा, जो बताते हैं कि गोवा के चुनाव के लिए पैसा भेजा गया था। हाईकोर्ट ने ये भी कहा कि हमें संवैधानिक नैतिकता की फिक्र है, ना कि राजनीतिक नैतिकता की। मौजूदा केस केंद्र और केजरीवाल के बीच नहीं है। यह केस केजरीवाल और ED के बीच है। हाईकोर्ट ने कहा कि ED ने कानूनी प्रक्रिया का पालन किया। उसके पास हवाला ऑपरेटर्स और AAP कैंडिडेट के बयान हैं। सिसोदिया इसी मामले में जेल में, संजय सिंह जमानत पर
केजरीवाल से पहले शराब नीति केस में AAP नेता मनीष सिसोदिया और संजय सिंह की भी गिरफ्तारी हुई थी। सिसोदिया 26 फरवरी 2023 से जेल में बंद हैं। संजय सिंह को ED ने 4 अक्टूबर 2023 को गिरफ्तार किया था। 2 अप्रैल को सुप्रीम कोर्ट ने संजय सिंह को जमानत दे दी थी। तिहाड़ में 6 महीने रहने के बाद 3 अप्रैल को वो बाहर आए थे।