कश्मीर के अनंतनाग जिले में अमरनाथ की पवित्र गुफा से बाबा बर्फानी की पहली तस्वीर सामने आ गई है। बर्फ का शिवलिंग करीब 8 फीट ऊंचा है। इस शिवलिंग के दर्शन-पूजन के लिए देशभर से लाखों श्रद्धालु अमरनाथ आते हैं। इस बार यात्रा 29 जून से शुरू होगी जो करीब 52 दिन चलेगी। 29 अगस्त को रक्षाबंधन के दिन पूरी होगी। यात्रा के लिए रजिस्ट्रेशन 15 अप्रैल से शुरू हो गए हैं। जरूरी मेडिकल सर्टिफिकेट बनवाने की प्रक्रिया चल रही है। 13 से 70 साल की उम्र तक के भारतीय अमरनाथ यात्रा कर सकते हैं यात्रा के लिए ऑन लाइन और ऑफ लाइन रजिस्ट्रेशन
यात्रा के लिए 15 अप्रैल से ऑन लाइन और ऑफ लाइन दोनों तरह से रजिस्ट्रेशन करवा सकते हैं। ऑन लाइन रजिस्ट्रेशन के लिए श्राइन बोर्ड की ऑफिशियल वेबसाइट पर लॉग इन कर सकते हैं। मोबाइल एप्लिकेशन से रजिस्ट्रेशन करना चाहते हैं तो श्री अमरनाथजी यात्रा ऐप डाउनलोड करना होगा। वहीं, पंजाब नेशनल बैंक, एसबीआई, यस बैंक और जम्मू-कश्मीर बैंक से ऑफ लाइन रजिस्ट्रेशन करवा सकते हैं। कैसे पहुंचें: यात्रा के लिए दो रूटपहलगाम रूट: इस रूट से गुफा तक पहुंचने में 3 दिन लगते हैं, लेकिन ये रास्ता आसान है। यात्रा में खड़ी चढ़ाई नहीं है। पहलगाम से पहला पड़ाव चंदनवाड़ी है। ये बेस कैंप से 16 किमी दूर है। यहां से चढ़ाई शुरू होती है। तीन किमी चढ़ाई के बाद यात्रा पिस्सू टॉप पहुंचती है। यहां से पैदल चलते हुए शाम तक यात्रा शेषनाग पहुंचती है। ये सफर करीब 9 किमी का है। अगले दिन शेषनाग से यात्री पंचतरणी जाते हैं। ये शेषनाग से करीब 14 किमी है। पंचतरणी से गुफा सिर्फ 6 किमी रह जाती है। बालटाल रूट: वक्त कम हो, तो बाबा अमरनाथ दर्शन के लिए बालटाल रूट से जा सकते हैं। इसमें सिर्फ 14 किमी की चढ़ाई चढ़नी होती है, लेकिन एकदम खड़ी चढ़ाई है, इसलिए बुजुर्गों को इस रास्ते पर दिक्कत होती है। इस रूट पर संकरे रास्ते और खतरनाक मोड़ हैं। 6 लाख यात्रियों के आने की संभावना, इस बार सड़कें चौड़ी किन बातों का ध्यान रखें यात्रा के दौरान मेडिकल सर्टिफिकेट, 4 पासपोर्ट साइज फोटो, आधार कार्ड, आरएफआईडी (RFID) कार्ड, ट्रैवल एप्लिकेशन फॉर्म अपने साथ रखें। फिजिकल फिटनेस के लिहाज से हर रोज 4 से 5 किलोमीटर पैदल चलने की प्रैक्टिस करें। सांस वाला योग जैसे प्राणायाम और एक्सरसाइज करें। यात्रा में ऊनी कपड़े, रेनकोट, ट्रैकिंग स्टिक, पानी बॉटल और जरूरी दवाओं का बेग अपने साथ रखें। ये खबर भी पढ़ें… 200 ICU बेड, 100 ऑक्सीजन बूथ और 5G नेटवर्क की सुविधा; गुफा तक मोटर रोड इस बार दक्षिण कश्मीर में बर्फबारी देर से हुई, लेकिन मार्च-अप्रैल तक जारी रही। जिसके चलते अमनरनाथ गुफा क्षेत्र में 10 फीट से ज्यादा बर्फ है। यात्रा के दोनों रूट पहलगाम और बालटाल से गुफा तक 2 से 10 फीट बर्फ में दबे हैं। इसलिए इसके जून तक पिघलने के आसार कम हैं। ऐसे में सेना यात्रा रूट को हर मौसम के हिसाब से तैयार कर रही है। पहली बार दोनों रूट पूरी तरह 5जी फाइबर नेटवर्क से लैस होंगे। बर्फ पिघलते ही 10 मोबाइल टावर लगेंगे। 24 घंटे बिजली के लिए ज्यादातर खंभे लग चुके हैं। पढ़ें पूरी खबर..
यात्रा के लिए 15 अप्रैल से ऑन लाइन और ऑफ लाइन दोनों तरह से रजिस्ट्रेशन करवा सकते हैं। ऑन लाइन रजिस्ट्रेशन के लिए श्राइन बोर्ड की ऑफिशियल वेबसाइट पर लॉग इन कर सकते हैं। मोबाइल एप्लिकेशन से रजिस्ट्रेशन करना चाहते हैं तो श्री अमरनाथजी यात्रा ऐप डाउनलोड करना होगा। वहीं, पंजाब नेशनल बैंक, एसबीआई, यस बैंक और जम्मू-कश्मीर बैंक से ऑफ लाइन रजिस्ट्रेशन करवा सकते हैं। कैसे पहुंचें: यात्रा के लिए दो रूटपहलगाम रूट: इस रूट से गुफा तक पहुंचने में 3 दिन लगते हैं, लेकिन ये रास्ता आसान है। यात्रा में खड़ी चढ़ाई नहीं है। पहलगाम से पहला पड़ाव चंदनवाड़ी है। ये बेस कैंप से 16 किमी दूर है। यहां से चढ़ाई शुरू होती है। तीन किमी चढ़ाई के बाद यात्रा पिस्सू टॉप पहुंचती है। यहां से पैदल चलते हुए शाम तक यात्रा शेषनाग पहुंचती है। ये सफर करीब 9 किमी का है। अगले दिन शेषनाग से यात्री पंचतरणी जाते हैं। ये शेषनाग से करीब 14 किमी है। पंचतरणी से गुफा सिर्फ 6 किमी रह जाती है। बालटाल रूट: वक्त कम हो, तो बाबा अमरनाथ दर्शन के लिए बालटाल रूट से जा सकते हैं। इसमें सिर्फ 14 किमी की चढ़ाई चढ़नी होती है, लेकिन एकदम खड़ी चढ़ाई है, इसलिए बुजुर्गों को इस रास्ते पर दिक्कत होती है। इस रूट पर संकरे रास्ते और खतरनाक मोड़ हैं। 6 लाख यात्रियों के आने की संभावना, इस बार सड़कें चौड़ी किन बातों का ध्यान रखें यात्रा के दौरान मेडिकल सर्टिफिकेट, 4 पासपोर्ट साइज फोटो, आधार कार्ड, आरएफआईडी (RFID) कार्ड, ट्रैवल एप्लिकेशन फॉर्म अपने साथ रखें। फिजिकल फिटनेस के लिहाज से हर रोज 4 से 5 किलोमीटर पैदल चलने की प्रैक्टिस करें। सांस वाला योग जैसे प्राणायाम और एक्सरसाइज करें। यात्रा में ऊनी कपड़े, रेनकोट, ट्रैकिंग स्टिक, पानी बॉटल और जरूरी दवाओं का बेग अपने साथ रखें। ये खबर भी पढ़ें… 200 ICU बेड, 100 ऑक्सीजन बूथ और 5G नेटवर्क की सुविधा; गुफा तक मोटर रोड इस बार दक्षिण कश्मीर में बर्फबारी देर से हुई, लेकिन मार्च-अप्रैल तक जारी रही। जिसके चलते अमनरनाथ गुफा क्षेत्र में 10 फीट से ज्यादा बर्फ है। यात्रा के दोनों रूट पहलगाम और बालटाल से गुफा तक 2 से 10 फीट बर्फ में दबे हैं। इसलिए इसके जून तक पिघलने के आसार कम हैं। ऐसे में सेना यात्रा रूट को हर मौसम के हिसाब से तैयार कर रही है। पहली बार दोनों रूट पूरी तरह 5जी फाइबर नेटवर्क से लैस होंगे। बर्फ पिघलते ही 10 मोबाइल टावर लगेंगे। 24 घंटे बिजली के लिए ज्यादातर खंभे लग चुके हैं। पढ़ें पूरी खबर..