आज की दुनिया में डेटा से कीमती कुछ नहीं है। बात बिजनेस की हो या आपकी-हमारी, डेटा हम सबके लिए जरूरी है। डेटा लॉस पर सबसे आम खतरा तो हार्डवेयर का खराब होना ही है। जैसे आपकी हार्ड ड्राइव क्रैश कर गई, या मोबाइल फोन, लैपटॉप टूट गया, जल गया, खो गया। इसके साथ ही ह्यूमन एरर के कारण भी बहुत-सा डेटा लॉस होता है, जैसे गलती से कोई जरूरी फाइल आपने डिलीट कर दी। ये वो बेहद आम कारण हैं, जिनके कारण डेटा लॉस होता है और इसका एक आसान इलाज तो सावधानी बरतना ही है। लेकिन इसके अलावा आपके डेटा के ऊपर साइबर सिक्योरिटी से जुड़े खतरे भी मंडराते रहते हैं, जिनमें रैनसमवेयर अटैक्स जैसे ढेरों किस्म के खतरे शामिल रहते हैं। इसमें क्रिमिनल हैकर्स आपके डेटा को चुरा भी सकते हैं या उसको एनक्रिप्ट करके आप से फिरौती भी वसूल सकते हैं। इस लेख में टेक गुरु अभिषेक तैलंग कुछ आदतों और बैकअप टूल्स के बारे में बता रहे हैं, जिनके जरिए आप अपने डेटा को बचा सकते हैं… आजमाएं ये आदतें रिकवरी ऑप्शन का ध्यान रखें
इसके लिए आपको कई ऑनलाइन डेटा बैकअप टूल्स मिल जाएंगे, जिनकी सर्विस से आप अपने डेटा का बैकअप सुरक्षित और सुविधाजनक तरीके से कर पाएंगे। लेकिन इन सैकड़ों डेटा बैकअप टूल्स में से आपके लिए कौन-सा बेहतर रहेगा, ये चुनना थोड़ा मुश्किल रहता है। इसके लिए आपको कुछ बातों का ध्यान रखना होगा। डेटा बैकअप का एक बड़ा उद्देश्य ये भी होता है कि कल को अगर डेटा लॉस हुआ तो उसे किस तरह और किस हद तक रिकवर किया जा सकेगा? इसलिए सबसे पहले रिकवरी ऑप्शन की पड़ताल करें। आमतौर पर डेटा बैकअप टूल्स तीन तरह के रिकवरी ऑप्शन के साथ आते है: फुल सिस्टम रिकवरी, फाइल लेवल रिकवरी और टाइम स्टैम्प के हिसाब से रिकवरी। अब जो डेटा बैकअप टूल, जितने बारीक से बारीक डेटा को भी रिकवर कर सकने की काबिलियत रखता है, वो उतना ही पैसा भी चार्ज करता है। लागत का हिसाब लगाकर रखें
किसी भी डेटा बैकअप टूल की सर्विस लेने से पहले उस सर्विस की कुल लागत या टोटल ऑनरशिप कॉस्ट का पता जरूर लगा लें, क्योंकि डेटा बैकअप टूल्स देने वाली कंपनियां अपनी कीमत में कई छिपे हुए खर्च रखती हैं, जिसका खुलासा फाइनल बिलिंग के वक्त होता है। इसलिए आपको कुल सालाना लागत कितनी पड़ेगी, इसका हिसाब पहले से लगाकर रखें। साथ ही सर्विस प्रोवाइडर के कस्टमर सपोर्ट और प्रोडक्ट रिव्यूज के बारे में भी पता कर लें। बैकअप स्टोरेज की लोकेशन
ये पता करें कि आपका डेटा आखिर स्टोर कहां किया जाएगा? कोशिश करें कि ऐसा डेटा बैकअप टूल हो, जो फ्लेक्सिबल स्टोरेज लोकेशन के साथ आता हो, जिसमें डेटा आप कभी भी एक्सेस कर सकें और जब मनचाहे उस डेटा को ऑनलाइन से ऑफलाइन और ऑफलाइन से ऑनलाइन एक्सेस कर सकें। कुछ फेमस डेटा बैकअप टूल्स
इसके लिए आपको कई ऑनलाइन डेटा बैकअप टूल्स मिल जाएंगे, जिनकी सर्विस से आप अपने डेटा का बैकअप सुरक्षित और सुविधाजनक तरीके से कर पाएंगे। लेकिन इन सैकड़ों डेटा बैकअप टूल्स में से आपके लिए कौन-सा बेहतर रहेगा, ये चुनना थोड़ा मुश्किल रहता है। इसके लिए आपको कुछ बातों का ध्यान रखना होगा। डेटा बैकअप का एक बड़ा उद्देश्य ये भी होता है कि कल को अगर डेटा लॉस हुआ तो उसे किस तरह और किस हद तक रिकवर किया जा सकेगा? इसलिए सबसे पहले रिकवरी ऑप्शन की पड़ताल करें। आमतौर पर डेटा बैकअप टूल्स तीन तरह के रिकवरी ऑप्शन के साथ आते है: फुल सिस्टम रिकवरी, फाइल लेवल रिकवरी और टाइम स्टैम्प के हिसाब से रिकवरी। अब जो डेटा बैकअप टूल, जितने बारीक से बारीक डेटा को भी रिकवर कर सकने की काबिलियत रखता है, वो उतना ही पैसा भी चार्ज करता है। लागत का हिसाब लगाकर रखें
किसी भी डेटा बैकअप टूल की सर्विस लेने से पहले उस सर्विस की कुल लागत या टोटल ऑनरशिप कॉस्ट का पता जरूर लगा लें, क्योंकि डेटा बैकअप टूल्स देने वाली कंपनियां अपनी कीमत में कई छिपे हुए खर्च रखती हैं, जिसका खुलासा फाइनल बिलिंग के वक्त होता है। इसलिए आपको कुल सालाना लागत कितनी पड़ेगी, इसका हिसाब पहले से लगाकर रखें। साथ ही सर्विस प्रोवाइडर के कस्टमर सपोर्ट और प्रोडक्ट रिव्यूज के बारे में भी पता कर लें। बैकअप स्टोरेज की लोकेशन
ये पता करें कि आपका डेटा आखिर स्टोर कहां किया जाएगा? कोशिश करें कि ऐसा डेटा बैकअप टूल हो, जो फ्लेक्सिबल स्टोरेज लोकेशन के साथ आता हो, जिसमें डेटा आप कभी भी एक्सेस कर सकें और जब मनचाहे उस डेटा को ऑनलाइन से ऑफलाइन और ऑफलाइन से ऑनलाइन एक्सेस कर सकें। कुछ फेमस डेटा बैकअप टूल्स