मंगलवार, 23 अप्रैल को श्रीराम के परम भक्त हनुमान जी का प्रकट उत्सव है। त्रेता युग में चैत्र पूर्णिमा पर ही शिव जी ने अंशावतार के रूप में केसरी और अंजनी के यहां जन्म लिया था। उस दिन भी मंगलवार ही था। इस बार भी मंगलवार को ही ये उत्सव मनाया जाएगा। 23 तारीख को चैत्र मास खत्म हो जाएगा और वैशाख मास के स्नान शुरू हो जाएंगे। उज्जैन के ज्योतिषाचार्य पं. मनीष शर्मा के मुताबिक, चैत्र पूर्णिमा पर हनुमान जी के साथ ही विष्णु जी और उनके अवतारों की विशेष पूजा जरूर करें। शिव जी का अभिषेक करें। पूर्णिमा पर भगवान सत्यनारायण की कथा भी पढ़नी और सुननी चाहिए। जानिए इस दिन हनुमान जी की पूजा सरल स्टेप्स में कैसे कर सकते हैं… चैत्र पूर्णिमा पर कर सकते ये शुभ काम