अर्जुन सिंह (डाला/सोनभद्र)
डाला सोनभद्र। वैष्णो मंदिर के समिप रेलवे ओवरब्रिज ट्रायल के तौर पर चालू होने से दक्षिणाचंल की लाइफ लाईन कहे जाने वाली वाराणसी शक्तिनगर मुख्य मार्ग पर स्थित माँ वैष्णो देवी मंदिर के रास्ते बग्घानाला पुलिया को जनहित को देखते हुए मंगलवार को सायं 5 बजे पुल को श्रमिकों द्वारा पूजा करके आम जनता के लिए खोल तो दिया गया । परन्तु पुल चालू होने के उपरांत निरिक्षण करने आए रेलवे के डिप्टी चिप इंजिनियर(ए ई ) शशि कुमार ने आवश्यक दिशा निर्देश भी दिया ।डाला वैष्णो मंदिर के पास चोपन गढवा व चोपन सिगरौली पर बने पुल संख्या 382 ROB में दरार आने की वजह से 19 जून 2023 को पुल पर तीन मीटर का हाईटगेज लगाकर भारी वाहनो के आवागमन का मार्ग परिवर्तन कर दिया गया था। रेलवे विभाग ने नए पुल को बनाए जाने के लिए टेंडर कर दिया था जिसे नौ महीने तेरह दिन में पुल का निर्माण पूरा करके यातायात को बहाल करया गया।
वही पुल चालू होने के बाद भी जिम्मेदार जबाब देने से दूर भागते रहे। जानकारी के अनुसार पुल को ट्रायल में लगभग 5 दिनों के लिए रक्खा गया है। ACP टोल द्वारा जानकारी के लिए सम्पर्क करने पर अधिकारी फोन रिसीव नही कर रहे। पुल पर अभी तक वैरिकेटिंग सुचारू ढंग से न बनने से खतरा बना हुआ है। जब कि पूर्व में निर्माणाधिन पुल पर कई हादसे भी हो चुके है। इस सम्बंध मे उत्तर प्रदेश स्टेट हाइवे ने यह बताया कि चालक की कमी के वजह से घटनाएं होती है। सड़क की कमियों का इससे कोई अभिप्राय नही है। अधूरा कार्य व गुणवक्ता को छिपाने में जिम्मेदार कोई कोर कसर नही छोड़ रहे।
देखा जाय तो चैत्र नवरात्रि में माँ वैष्णो देवी मंदिर पर दर्शनार्थियों के भीड़ को देखते हुए पुख्ता व्यवस्था का इंतजाम किया जाना जनहित के लिए आवश्यक है। लेकिन स्थानीयों ने बताया कि जब सड़क पर सफेद पट्टी या बैरिकेटिंग ही अधूरा है तो जिम्मेदार कौन होगा। पुल चालू होने से जनहित में खुशी की लहर है। लेकिन जिस लापरवाही व अनदेखा कर पुल को 45 दिन के लिए बंद किया गया था वही आज लगभग 282 दिन लगा दिए । फिर भी कुछ कहां नही जा सकता।