मुख्तार अंसारी की गुरुवार रात बांदा में कार्डियक अरेस्ट से मौत हो गई। मुख्तार की आखिरी बार मौत से कुछ घंटे पहले गुरुवार दिन में बेटे उमर से फोन पर बातचीत हुई। उमर ने बताया, “गुरुवार दिन में 3.30 बजे मेरी पिता (मुख्तार अंसारी) से फोन पर बातचीत हुई। उन्होंने कहा था कि इस हालत में नहीं हूं कि जेल के VC रूम तक जा सकूं। बाद में मीडिया से उनकी मौत की खबर पता चली।” मुख्तार को अप्रैल 2021 यानी करीब 3 साल पहले पंजाब की रोपड़ जेल से बांदा जेल लाया गया था। जेल में आखिरी 8 दिन मुख्तार सुर्खियों में रहा है। चलिए, 8 दिनों के घटनाक्रम के बारे में आपको पढ़वाते हैं… 21 मार्च: कोर्ट से कहा- जेल में जहर दिया गया बाराबंकी की MP/MLA कोर्ट में फर्जी एम्बुलेंस मामले में सुनवाई हुई। मगर मुख्तार पेश नहीं हुआ था। उसकी जगह डिप्टी जेलर महेंद्र सिंह कोर्ट में पेश हुए। मुख्तार के वकील रणधीर सिंह सुमन भी कोर्ट पहुंचे और एक एप्लिकेशन दी थी। इसमें कहा गया- साहब, 19 मार्च की रात मुझे खाने में जहरीला पदार्थ दिया गया है, जिसकी वजह से मेरी तबीयत खराब हो गई। मेरे हाथ-पैर और शरीर की नसों में दर्द हो रहा है। हाथ-पांव ठंडे हो रहे हैं। ऐसा लग रहा है कि मेरा दम निकल जाएगा। 40 दिन पहले भी मेरे खाने में धीमा जहर दिया गया था। 24 मार्च: जेलर और 2 डिप्टी जेलर सस्पेंड
मुख्तार केस में लापरवाही के आरोप में जेलर और दो डिप्टी जेलर सस्पेंड कर दिए गए। इनमें जेलर योगेश कुमार, डिप्टी जेलर अरविंद कुमार और राजेश कुमार शामिल थे। 26 मार्च: मुख्तार के पेट में दर्द उठा, बांदा मेडिकल कॉलेज लाया गया सुबह 3 बजे अचानक मुख्तार के पेट में दर्द उठा। 5.30 बजे उसे एंबुलेंस से बांदा मेडिकल कॉलेज ले जाया गया। यहां उसका इलाज हुआ। 14 घंटे बाद वापस जेल शिफ्ट कर दिया गया। इस दौरान बांदा मेडिकल कॉलेज पहुंचे अफजाल अंसारी ने बताया था कि मुख्तार को उन्हें खाने में कोई जहरीला पदार्थ दिया जा रहा है। 40 दिन पहले भी एक बार ऐसा हो चुका है। अब दोबारा यह हुआ है। मुख्तार के बेटे उमर अंसारी ने कहा था कि मैं 900 किलोमीटर दूर से आया हूं। मुझे पिता को शीशे से भी नहीं देखने दिया गया। ये तो जुल्म है, हम कानूनी लड़ाई लड़ेंगे और सुप्रीम कोर्ट जाएंगे। 28 मार्च : मुख्तार ने खिचड़ी खाई, दोपहर 2.30 बजे फिर बिगड़ी तबीयत
मुख्तार ने थोड़ी सी खिचड़ी खाई थी। दोपहर 2.30 बजे मुख्तार को फिर तकलीफ हुई। 3.30 बजे जेल में ही 3 डॉक्टरों ने चेकअप किया। 5 बजे SDM राजेश कुमार ने जेल पहुंचकर मुख्तार के बारे में अधिकारियों से जानकारी ली। 7.30 बजे डीएम और एसपी जेल पहुंचे। 8.15 बजे एम्बुलेंस मंगा कर मुख्तार को बेहोशी की हालत में मेडिकल कॉलेज लाया गया। 8.30 बजे मेडिकल कॉलेज में मुख्तार का ICU में इलाज शुरू किया गया। रात 9.20 बजे उसे ICU से CCU में शिफ्ट किया गया। 10.30 बजे प्रशासन ने मुख्तार की मौत की सूचना दी। 11 बजे कमिश्नर और डीआईजी भी मेडिकल कॉलेज पहुंचे। 12.30 बजे शव को पोस्टमॉर्टम हाउस भेजा गया। 2005 से जेल में बंद था मुख्तार
फिलहाल, इंटरस्टेट गैंग 191 का सरगना मुख्तार 25 अक्टूबर, 2005 से जेल में बंद था। उसके खिलाफ यूपी, दिल्ली, पंजाब में 65 मुकदमे दर्ज हैं। 2017 में योगी सरकार आने से पहले वो पंजाब की रोपड़ जेल में था। उसे पंजाब से UP लाने के लिए राज्य सरकार सुप्रीम कोर्ट गई थी। 2021 में मुख्तार को बांदा जेल में शिफ्ट किया गया। जेल में उस पर 24 घंटे CCTV कैमरों से निगरानी होती थी। रिश्तेदारों से मिलने पर रोक थी। सख्ती इतनी थी कि जेल में मुख्तार पर नरमी बरतने वाले डिप्टी जेलर वीरेश्वर प्रताप सिंह को सस्पेंड कर दिया गया था। 17 महीने में मुख्तार को 8 बार हुई सजा
मुख्तार को 17 महीने में 8 बार सजा हुई थी। इसमें से 2 उम्रकैद की सजा है। मुख्तार को पहली सजा 23 सितंबर 2022 को हुई थी। वहीं, 8वीं सजा 13 मार्च 2024 को हुई थी। मुख्तार के खिलाफ सजा का सिलसिला 21 नवंबर, 2022 को शुरू हुआ था। लखनऊ के आलमबाग थाने में 2003 में जेलर को धमकाने के मामले में ADJ कोर्ट ने उसे दोषमुक्त कर दिया था। सरकार ने 27 अप्रैल, 2021 को हाईकोर्ट में मामले को चुनौती दी। इसी मामले में उसे पहली बार 7 साल की जेल की सजा सुनाई गई। इस लिंक को भी पढ़ें… माफिया मुख्तार अंसारी की कार्डियक अरेस्ट से मौत:बांदा जेल में बेहोश होकर गिर गया था; भाई ने कहा था- उसे धीमा जहर दिया जा रहा उत्तर प्रदेश की बांदा जेल में बंद मुख्तार अंसारी की कार्डियक अरेस्ट से गुरुवार रात को मौत हो गई। मुख्तार को उल्टी की शिकायत और बेहोशी की हालत में रात 8:25 बजे जेल से रानी दुर्गावती मेडिकल कॉलेज ले जाया गया था। 9 डॉक्टर्स ने इलाज किया, लेकिन उसे बचाया नहीं जा सका। बताया जा रहा है कि बैरक में मुख्तार अंसारी अचानक बेहोश होकर गिर गया था। पढ़ें पूरी खबर
मुख्तार केस में लापरवाही के आरोप में जेलर और दो डिप्टी जेलर सस्पेंड कर दिए गए। इनमें जेलर योगेश कुमार, डिप्टी जेलर अरविंद कुमार और राजेश कुमार शामिल थे। 26 मार्च: मुख्तार के पेट में दर्द उठा, बांदा मेडिकल कॉलेज लाया गया सुबह 3 बजे अचानक मुख्तार के पेट में दर्द उठा। 5.30 बजे उसे एंबुलेंस से बांदा मेडिकल कॉलेज ले जाया गया। यहां उसका इलाज हुआ। 14 घंटे बाद वापस जेल शिफ्ट कर दिया गया। इस दौरान बांदा मेडिकल कॉलेज पहुंचे अफजाल अंसारी ने बताया था कि मुख्तार को उन्हें खाने में कोई जहरीला पदार्थ दिया जा रहा है। 40 दिन पहले भी एक बार ऐसा हो चुका है। अब दोबारा यह हुआ है। मुख्तार के बेटे उमर अंसारी ने कहा था कि मैं 900 किलोमीटर दूर से आया हूं। मुझे पिता को शीशे से भी नहीं देखने दिया गया। ये तो जुल्म है, हम कानूनी लड़ाई लड़ेंगे और सुप्रीम कोर्ट जाएंगे। 28 मार्च : मुख्तार ने खिचड़ी खाई, दोपहर 2.30 बजे फिर बिगड़ी तबीयत
मुख्तार ने थोड़ी सी खिचड़ी खाई थी। दोपहर 2.30 बजे मुख्तार को फिर तकलीफ हुई। 3.30 बजे जेल में ही 3 डॉक्टरों ने चेकअप किया। 5 बजे SDM राजेश कुमार ने जेल पहुंचकर मुख्तार के बारे में अधिकारियों से जानकारी ली। 7.30 बजे डीएम और एसपी जेल पहुंचे। 8.15 बजे एम्बुलेंस मंगा कर मुख्तार को बेहोशी की हालत में मेडिकल कॉलेज लाया गया। 8.30 बजे मेडिकल कॉलेज में मुख्तार का ICU में इलाज शुरू किया गया। रात 9.20 बजे उसे ICU से CCU में शिफ्ट किया गया। 10.30 बजे प्रशासन ने मुख्तार की मौत की सूचना दी। 11 बजे कमिश्नर और डीआईजी भी मेडिकल कॉलेज पहुंचे। 12.30 बजे शव को पोस्टमॉर्टम हाउस भेजा गया। 2005 से जेल में बंद था मुख्तार
फिलहाल, इंटरस्टेट गैंग 191 का सरगना मुख्तार 25 अक्टूबर, 2005 से जेल में बंद था। उसके खिलाफ यूपी, दिल्ली, पंजाब में 65 मुकदमे दर्ज हैं। 2017 में योगी सरकार आने से पहले वो पंजाब की रोपड़ जेल में था। उसे पंजाब से UP लाने के लिए राज्य सरकार सुप्रीम कोर्ट गई थी। 2021 में मुख्तार को बांदा जेल में शिफ्ट किया गया। जेल में उस पर 24 घंटे CCTV कैमरों से निगरानी होती थी। रिश्तेदारों से मिलने पर रोक थी। सख्ती इतनी थी कि जेल में मुख्तार पर नरमी बरतने वाले डिप्टी जेलर वीरेश्वर प्रताप सिंह को सस्पेंड कर दिया गया था। 17 महीने में मुख्तार को 8 बार हुई सजा
मुख्तार को 17 महीने में 8 बार सजा हुई थी। इसमें से 2 उम्रकैद की सजा है। मुख्तार को पहली सजा 23 सितंबर 2022 को हुई थी। वहीं, 8वीं सजा 13 मार्च 2024 को हुई थी। मुख्तार के खिलाफ सजा का सिलसिला 21 नवंबर, 2022 को शुरू हुआ था। लखनऊ के आलमबाग थाने में 2003 में जेलर को धमकाने के मामले में ADJ कोर्ट ने उसे दोषमुक्त कर दिया था। सरकार ने 27 अप्रैल, 2021 को हाईकोर्ट में मामले को चुनौती दी। इसी मामले में उसे पहली बार 7 साल की जेल की सजा सुनाई गई। इस लिंक को भी पढ़ें… माफिया मुख्तार अंसारी की कार्डियक अरेस्ट से मौत:बांदा जेल में बेहोश होकर गिर गया था; भाई ने कहा था- उसे धीमा जहर दिया जा रहा उत्तर प्रदेश की बांदा जेल में बंद मुख्तार अंसारी की कार्डियक अरेस्ट से गुरुवार रात को मौत हो गई। मुख्तार को उल्टी की शिकायत और बेहोशी की हालत में रात 8:25 बजे जेल से रानी दुर्गावती मेडिकल कॉलेज ले जाया गया था। 9 डॉक्टर्स ने इलाज किया, लेकिन उसे बचाया नहीं जा सका। बताया जा रहा है कि बैरक में मुख्तार अंसारी अचानक बेहोश होकर गिर गया था। पढ़ें पूरी खबर