हुंडई मोटर इंडिया ने आज (21 मार्च) तकनीकी खराबी आने के कारण देश में 7698 गाड़ियों को वापस बुलाया है। इस रिकॉल में कंपनी की पॉपुलर स्पोर्ट्स यूटिलिटी व्हीकल (SUV) क्रेटा और सेडान सेगमेंट की वरना शामिल है। कंपनी ने दोनों कारों के सिर्फ 1.5-लीटर नैचुरली एस्पिरेटेड पेट्रोल इंजन से लैस CVT ऑटोमेटिक वैरिएंट को वापस बुलाया है। इस रिकॉल के बारे में हुंडई ने सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय को जानकारी दी है। हुंडई का कहना है कि, क्रेटा और वरना के इलेक्ट्रॉनिक फ्यूल पंप कंट्रोलर में खराबी आ सकती है। इससे CVT गियरबॉक्स में इलेक्ट्रॉनिक फ्यूल पंप का परफॉर्मेंस प्रभावित हो सकता है। इस रिकॉल में दोनों कारों की पिछले साल 13 फरवरी 2023 से 06 जून 2023 के बीच मैन्युफैक्चर की गई 7,698 यूनिट शामिल हैं। ये एक्शन व्हीकल रीकॉल पर वॉलेंटरी कोड के मुताबिक लिया जा रहा है। कस्टमर से नहीं लिया जाएगा कोई चार्ज
हुंडई ने बताया, ‘वह ऑफिशियल वर्कशॉप से फोन और SMS के जरिए इंडिविजुअल तौर पर कस्टमर्स से संपर्क कर रही है। प्रभावित ग्राहक अपॉइंटमेंट शेड्यूल करने के लिए डीलरशिप से संपर्क कर सकते हैं या हुंडई के कॉल सेंटर 1800-114-645 (टोल-फ्री) पर कॉल कर सकते हैं। कार में टेस्टिंग के बाद डिफेक्ट सही किया जाएगा। वाहन मालिकों को खराब पार्ट को बदलने की जानकारी दी जाएगी। डिफेक्ट सुधारने या पार्ट्स बदलने के लिए कस्टमर से किसी भी तरह का चार्ज नहीं लिया जाएगा।’ देश में गाड़ी रिकॉल के बड़े मामले रिकॉल क्या है और क्यों होता है?
जब कोई कंपनी अपने बेचे गए प्रोडक्ट को वापस मंगाती है, तो इसे रिकॉल कहते हैं। किसी कंपनी के द्वारा रिकॉल का फैसला उस वक्त लिया जाता है जब उसके प्रोडक्ट में कोई खराबी होती है। रिकॉल की प्रोसेस के दौरान वो प्रोडक्ट की खराबी को दुरुस्त करना चाहती है। ताकि भविष्य में प्रोडक्ट को लेकर ग्राहक को किसी तरह की समस्या का सामना नहीं करना पड़े। कंपनी के रिकॉल पर एक्सपर्ट की सलाह
कार एक्सपर्ट और यूट्यूबर, अमित खरे ने बताया कि कार में खराबी को लेकर यदि कंपनी रिकॉल का फैसला करती है तो उसका फायदा ग्राहकों को ही होता है। कंपनी को इसके लिए पहले सोसाइटी ऑफ इंडियन ऑटोमोबाइल मैन्युफैक्चर्स (SIAM) को एक डेटा देना पड़ता है। जिसमें कार की खराबी के साथ कितने प्रतिशत लोगों को प्रॉब्लम हो रही है, बताना पड़ता है। जिसके बाद सियाम अप्रूवल देता है। कंपनी खराबी को ठीक करने के लिए एक टाइम तय करती है। यदि किसी ग्राहक की गाड़ी उसके खरीदे गए शहर से बाहर है तब वो दूसरे शहर के निकटतम सर्विस सेंटर पर भी उसे ठीक करा सकता है।
हुंडई ने बताया, ‘वह ऑफिशियल वर्कशॉप से फोन और SMS के जरिए इंडिविजुअल तौर पर कस्टमर्स से संपर्क कर रही है। प्रभावित ग्राहक अपॉइंटमेंट शेड्यूल करने के लिए डीलरशिप से संपर्क कर सकते हैं या हुंडई के कॉल सेंटर 1800-114-645 (टोल-फ्री) पर कॉल कर सकते हैं। कार में टेस्टिंग के बाद डिफेक्ट सही किया जाएगा। वाहन मालिकों को खराब पार्ट को बदलने की जानकारी दी जाएगी। डिफेक्ट सुधारने या पार्ट्स बदलने के लिए कस्टमर से किसी भी तरह का चार्ज नहीं लिया जाएगा।’ देश में गाड़ी रिकॉल के बड़े मामले रिकॉल क्या है और क्यों होता है?
जब कोई कंपनी अपने बेचे गए प्रोडक्ट को वापस मंगाती है, तो इसे रिकॉल कहते हैं। किसी कंपनी के द्वारा रिकॉल का फैसला उस वक्त लिया जाता है जब उसके प्रोडक्ट में कोई खराबी होती है। रिकॉल की प्रोसेस के दौरान वो प्रोडक्ट की खराबी को दुरुस्त करना चाहती है। ताकि भविष्य में प्रोडक्ट को लेकर ग्राहक को किसी तरह की समस्या का सामना नहीं करना पड़े। कंपनी के रिकॉल पर एक्सपर्ट की सलाह
कार एक्सपर्ट और यूट्यूबर, अमित खरे ने बताया कि कार में खराबी को लेकर यदि कंपनी रिकॉल का फैसला करती है तो उसका फायदा ग्राहकों को ही होता है। कंपनी को इसके लिए पहले सोसाइटी ऑफ इंडियन ऑटोमोबाइल मैन्युफैक्चर्स (SIAM) को एक डेटा देना पड़ता है। जिसमें कार की खराबी के साथ कितने प्रतिशत लोगों को प्रॉब्लम हो रही है, बताना पड़ता है। जिसके बाद सियाम अप्रूवल देता है। कंपनी खराबी को ठीक करने के लिए एक टाइम तय करती है। यदि किसी ग्राहक की गाड़ी उसके खरीदे गए शहर से बाहर है तब वो दूसरे शहर के निकटतम सर्विस सेंटर पर भी उसे ठीक करा सकता है।